बुधवार, 14 अगस्त 2013

अर्जुन ने क्यों किया खुद को खत्म करने का फैसला?


अर्जुन ने क्यों किया खुद को खत्म करने का फैसला?

अर्जुन धर्मभीरु थे। वे कृष्ण की ये सारी बातें सुनकर उदास हो गए। यह जानकर की मुझसे बहुत बड़ा पाप हो गया। उसके चित्त में बड़ा खेद हुआ। बार-बार सांस खींचते हुए उन्होंने फिर तलवार उठा ली। यह देखकर श्रीकृष्ण ने कहा- अर्जुन ये क्या? तुम फिर तलवार उठा रहे हो? मुझे जवाब दो। मैं तुम्हें कोई उपाय बताऊंगा। पुरुषोत्तम के ऐसा कहने पर अर्जुन दु:खी होकर बोले मैंने जिद में आकर भाई का अपमान स्वरूप महान पाप कर डाला है, इसलिए अब अपने इस शरीर को नष्ट कर डालूंगा। 

अर्जुन की बात सुनकर भगवान से कहा- राजा युधिष्ठिर को तू मात्र कहकर तुम इतने दुख में क्यों डूब गए? उफ इसी के लिए आत्मघात करना चाहते हो? अर्जुन श्रेष्ठ पुरुषों ने कभी ऐसा नहीं किया है। धर्म का स्वरूप सुक्ष्म है और उसका समझना कठिन। अज्ञानियों के लिए तो और भी मुश्किल है। यहां तो कर्तव्य है, उसे मे बताता हूं, सुनो भाई का वध करने से जिस नरक की प्राप्ति होती है, उससे भी भयानक नरक तुम्हे आत्मघात करने से मिलेगा। इसलिए अपने ही मुंह से अपने गुणों का बखान करो, ऐसा करने से यही समझा जाएगा कि तुमने अपने ही हाथों अपने को मार लिया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें