अगर अर्जुन पूरी नहीं करते ये प्रतिज्ञा तो कौरव जीत जाते महाभारत
इस प्रकार दोनों के भीषण युद्ध के चलते कर्ण ने भीम के सामने से हटने में ही भलाई समझी और दूसरी ओर सात्यकि ने भूरीश्रवा का वध कर दिया। भूरिश्रवा के परलोक को प्रस्थान करने पर महाबाहु अर्जुन ने श्रीकृष्ण से कहा -कृष्ण चलिए अब आप जयद्रथ की ओर रथ बढ़ा लीजिए। उसके बाद अर्जुन को जयद्रथ का वध करने के लिए आगे बढ़ते देख कर्ण ने दुर्योधन से कहा- अब थोड़ा ही दिन रह गया है आज आप कैसे भी करके अर्जुन को रोक लें तो वहअपनी प्रतिज्ञा के अनुसार अग्रि में प्रवेश कर जाएगा और बचे हुए पांडव हमारा कुछ भी नहीं बिगाड़ पाएंगे। यह सुनकर दुर्योधन व कर्ण के साथ ही सभी कौरवों ने अपने प्रयास तेज कर दिए और अर्जुन पर बाणों की वर्षा करने लगे लेकिन अर्जुन भी प्रतिज्ञा के पक्के थे। उन्होंने सूर्यास्त से पूर्व ही सबको बाणों से बींधकर और जयद्रथ की गर्दन धड़ से अलग कर अपनी प्रतिज्ञा। पूरी की।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें